पेट्रोल V/S डीजल कार कौन सी बेहतर है | Petrol V/S Diesel Car | Which is best option.

अगर आप नई कार खरीदने का मन बना रहे हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं क्योंकि इस आर्टिकल को पढने के बाद आपके दिलो दिमाग में जो भी उलझन है वो बिल्कुल दूर हो जाएगी और आप एक अच्छा डिसिजन ले पाएंगे | कार खरीदने का प्लान करते ही हमारे मन में सबसे बड़ा सवाल यह आता है कि कार पेट्रोल वाला खरीदें या फिर डीजल, कार कंपनी के पास इन दोनों ही सेग्मेंट में बहुत ही गाड़िया अवेलेबल हैं | और दोनों ही कैटेगरी में हर रेंज की गाड़ियां उपलब्ध हैं | एक दशक पहले तक भारत में डीजल कारों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला था डीजल कार खरीदने की सबसे बड़ी वजह यह थी कि ज्यादा माइलेज और दमदार इंजन, उस समय पेट्रोल डीजल की कीमत में एक बहुत बड़ा अंतर देखने को मिलता था लेकिन अब ये अंतर काफी कम रह गया है | और आज पेट्रोल डीजल की कीमत में 10 रुपए के आसपास ही अंतर रह गया है | वहीं पेट्रोल इंजन अब ज्यादा रिफाइन व ज्यादा माइलेज देने लगे | ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि अब आपको पेट्रोल कार लेनी चाहिए या डीजल कार बेहद आसान भाषा में हम आपको बता रहे हैं कि कौन सा विकल्प आपके लिए बेस्ट रहेगा |

Petrol V/S Diesel Car | Which is best option.


आइये जानते है दोनों में क्या फर्क है | 

आइए जानते हैं, ऑटो एक्सपर्ट की मानें तो अगर आप रोजाना करीब करीब 50 से 60 किलोमीटर गाड़ी चलाते हैं यानि की करीब महीने में 15 सौ किलोमीटर के आसपास तो आपको पेट्रोल कार लेनी चाहिए | यदि आपकी रोजाना की रनिंग 70 से 100 किलोमीटर है यानि कि महीने की करीब करीब ढाई हजार से तीन हजार किलोमीटर के आसपास तो आपको डीजल कार ही  लेनी चाहिए | लेकिन एक बात यहां ध्यान देने वाली यह भी है कि डीजल कारों की सर्विस पेट्रोल कारों की तुलना में महंगी होती है | डीजल गाड़ियां करीब करीब दस साल बाद कबाड़ हो जाती हैं और इतना ही नहीं डीजल कारें पेट्रोल कारों के मुकाबले करीब करीब एक लाख रुपये या इससे ज्यादा महंगी आती है इस समय पेट्रोल डीजल कारों की कीमत में काफी बड़ा अंतर है |  

कीमत में कितना अंतर होता है |

उदाहरण के तौर पर मारुति स्विफ्ट पेट्रोल कार की कीमत जहां 4.99 लाख से शुरू होती है वहीं सिर्फ डीजल कार की कीमत 5.99 लाख से शुरू होती है | यानि की कीमत में करीब एक लाख रुपये का अंतर है | इतना ही नहीं हुंडई ग्रैंड आई टैन पेट्रोल कार की कीमत 4 .99 लाख रुपये है जबकि वही ग्रैंड आई टैन डीजल कार की कीमत 6 .14 लाख रुपये है | यहां पर भी फर्क करीब करीब एक लाख रुपये से ज्यादा का है पेट्रोल और डीजल कार की सर्विस और मेंटेनेंस में भी फर्क देखने को मिलता है ऑटो एक्सपर्ट के मुताबिक डीजल कारों की सर्विस और मेंटिनेंस ज्यादा होती है | इतना ही नहीं डीजल कारों को पेट्रोल कारों की तुलना में बार बार सर्विस के लिए जाना पड़ता है जिससे ग्राहक की जेब पर भारी असर पड़ता है |

सर्बिस में कितना अंतर होता है |

एक सर्विस सेंटर की बातचीत के आधार पर ये पाया गया कि एक हजार किलोमीटर चलने के बाद स्विफ्ट पेट्रोल कार में जहां 21 सौ रुपये का खर्च आता है वहीं डीजल कार पर करीब करीब 35 सौ रुपये का खर्च आता है | जबकि 3000 किलोमीटर के बाद सर्विस और मेंटिनेंस में स्विफ्ट पेट्रोल कार में जहां 3300 रुपये का खर्च आता है | वहीं डीजल मॉडल पर ये बढ़कर 7800 सौ रूपए पहुंच जाता है |

माइलेज में कितना अंतर होता है | 

आजकल पेट्रोल कारें भी डीजल के आसपास माइलेज देने लगी है  ग्रैंड आई टैन पेट्रोल जहां पर 18 .9 किलोमीटर का माइलेज निकालकर देती है तो वही इसका डीजल मॉडल 1 लीटर में 24 किलोमीटर की माइलेज देता है जबकि मारुति के स्विफ्ट पेट्रोल मॉडल 1 लीटर में 22 किलोमीटर की माइलेज देती है तो वहीं डीजल स्विफ्ट पेट्रोल 1 लीटर में 28.4  किलोमीटर की माइलेज देती है एक स्टडी के अनुसार पेट्रोल कार की तुलना में डीजल कार चार गुना ज्यादा नाइट्रोजन कार्बनडाइ ऑक्साइड और 22 गुना ज्यादा खतरनाक कण छोड़ती है | डीजल में मौजूद सल्फर नामक धातु सल्फर डाई ऑक्साइड बनाती है जिससे नाक गले और सांस की नली में समस्या पैदा होती है और खांसी छींक और सांस की नली में समस्या बहुत आम बात होती जा रही है |

सेहत के लिए कौन सा कार अच्छा है | 

आपकी सेहत के लिए डीजल ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है यदि हम बिक्री की बात करें तो पिछले कुछ सालों में भारतीय कार बाजार में डीजल कारों की बिक्री घटी है | साल 2012 में डीजल कारों की बिक्री जहां 47 प्रतिशत थी वहीं 2014 में घटकर यह 42 प्रतिशत तक रह गई | 2014 में गिरावट का सिलसिला चलता रहा और यह आकड़ा 37 प्रतिशत तक आ पहुंचा | इसके बाद डीजल कारों की बिक्री में तेजी से गिरावट देखने को मिली | 2015 में डीजल कारों की बिक्री घटकर 34 प्रतिशत 2016 में घटकर 27 प्रतिशत और 2017 में 30 प्रतिशत तक हो गयी आंकड़ों से साफ पता चलता है कि भारत में डीजल कारों का क्रेज़ लगातार कम हो रहा है | मारुति सुजुकी ने आधिकारिक रूप से घोषणा कर दी है कि वह अप्रैल 2020 के बाद किसी भी डीजल कार को नहीं बनाएगी जबकि टाटा मोटर्स भी इसी राह पर है एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जल्द ही अन्य कार कंपनियां भी भारत में डीजल कार बनाना बंद कर देंगी | 

एक्सपर्ट्स का क्या कहना है | 

एक्सपर्ट्स का यह भी कहना कि कम रेंज वाली डीजल गाड़ियों का इंजन आपके सरदर्द बन सकता है ऐसी गाड़ियां बहुत शोर मचाती हैं और ये आपको कभी भी आरामदायक ड्राइव नहीं देंगी | 2000 सीसी से ज्यादा इंजन की गाड़ियां दिल्ली में बैन हो चुकी है आने वाले टाइम में दूसरे मेट्रो शहरों में भी इन्हें बैन किया जा सकता है | दिल्ली के बाद अब भारत के 11 और शहरों में डीजल गाड़ियां पूरी तरीके से बैन होने की तैयारी में हैं इन शहरों में मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरू, चेन्नई, हैदराबाद, जैसे मेट्रो शहर शामिल होंगे कार का पेट्रोल वर्जन डीजल कार के मुकाबले ज्यादा पावरफुल भी होता है | पेट्रोल कार का माइलेज चाहे कम हो लेकिन डीजल कारों के मुकाबले इसकी रीसेल वैल्यू ज्यादा अच्छी होती है |


पेट्रोल इंजन अब डीजल इंजन के मुकाबले लगातार बेहतर होते जा रहे है डीज़ल फ्यूल की तुलना में पेट्रोल पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाते हैं फ्यूल की कीमत और माइलेज में बहुत ज्यादा फर्क नहीं रह गया है | साथ ही पेट्रोल कारें अब कम खर्चा मांगती है ऐसे में हम आपको पेट्रोल कार खरीदने की ही सलाह देंगे | फ्रेंड्स यदि आर्टिकल आपको पसंद है तो इस साइट को फॉलो करना ना भूलें | 

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