पृथ्वी पर सोना कहाँ से आया क्यों अंतरिक्ष हर कोई जाना चाहता है | Where did Gold Come from.

अगर आपसे यह कहा जाए कि सोना अंतरिक्ष से आया है तो क्या आपको विश्वास नहीं होगा थोड़ी देर के लिए आप सोच में जरूर पड़ जाएंगे लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की आखिर पृथ्वी पर सोना आया कहां से आया इतने इस्तेमाल के बाद भी आखिर ये खत्म क्यों नहीं हुआ | आखिर कहां है सोने का भंडार अगर आप से कहे कि सोना अंतरिक्ष से आया है तो शायद ये सुनकर आप अचम्भे में जरूर पड़ जायेगे जी हां कुछ वैज्ञानिकों ने शोध के जरिये ये दावा किया है | कि उलका पिंड के धरती से टकराने की वजह से सोना पृथ्वी तक पहुंचा आज हम आपको अपने इस पोस्ट में येही बतायेगे कि वैज्ञानिकों का ये दावा कितना सही है और अगर सच में ये अंतरिक्ष से आया है तो क्या वजह है कि हर कोई अंतरिक्ष में जाना चाहता है | स्पेस में माइनिंग करने वाली कंपनियों के बीच क्या इसी वजह से होड़ लगी है | तो चलिए जानते हैं सोने के ओरिजिन से जुड़े कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स कहने को तो सोने की उत्पत्ति को लेकर कई फैक्ट्स है | 

लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का दावा है कि सोना धरती की अपनी संपत्ति नहीं है वैज्ञानिक सोने को लेकर जो बातें कहते हैं उस पर शायद ही किसी को भरोसा हो लेकिन आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि वैज्ञानिकों ने सोने के अंतरिक्ष से आने के फैक्ट्स को लेकर ठोस सबूत भी पेश किए है सॉफ्ट मेटल गोल्ड के बारे में वैज्ञानिक जॉन एंजेलिका का दावा है कि धातु अंतरिक्ष से उल्कापिंडों के रूप में धरती पर आया और इसी कारण ये धरती के बाहरी हिस्से में पाया जाता है | इम्पीरियल कॉलेज लंदन के भूगर्भ शास्त्री मथाया वेल बॉड का कहना है धरती के मुख्य हिस्से के गठन के बाद उल्का पिंडों की बौछार हुई | जो धरती से टकराये इन उल्का पिंडों में कुछ मात्रा में सोना और इन पिण्डों ने धरती की बाहरी सतह को सोने से भर दिया |

पृथ्वी पर सोना कहाँ से आया

ये घटना करीबन 3.8 अरब साल पहले घटी थी यहां मौजूद सोना धरती की संपत्ति नहीं बल्कि उल्का पिंडों के जरिये यहा आए है वैज्ञानिकों के अनुसार धरती की बाहरी सतह करीब 25 माइल मोटी है इसमें हर हजारों टन धातुओं में केवल 1.3 ग्राम सोना है | अब वैज्ञानिकों की राय सचमुच हैरान करने वाली है आप ये बात भी बता दें कि साल उन्नीस सौ सत्तर के दशक में अपोलो के चंद्रमा पर उतरने के बाद उल्का पिंडों के जरिये धरती पर सोना आने की थ्योरी दी गई वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर चट्टानों के लिए गए नमूनों में उसकी सतह से लिए गए नमूनों की तुलना में कम रेडियम और सोना पाया तो धरती की सतह और चट्टानों में पाए जाने वाले सोने से भी कम था इससे ये माना गया कि धरती और चाँद पर अंतरिक्ष से रेडियम युक्त उल्का पिंड गिरे थे | उल्कापिंडों की इस बारिश के बाद ये तत्व चांद पर तो वैसे ही पड़े रहे | 

लेकिन धरती के इनटर्नल एक्टबिटी के कारण वे इसके अंदर चले गए इसी वजह से सोना आज भी चट्टानों और खदानों की खुदाई में पाया जाता है इस थेओरी को LATE VENEER HHYPOTHESIS खा गया | इस यलो मैटल को लेकर दुनिया भर के वैज्ञानिकों में एक राय तो नहीं है | लेकिन ज्यादातर वैज्ञानिक मानते हैं कि सोना हमारे धरती की अपनी प्रॉपर्टी नहीं है | और यांत्रिक से उल्का पिंडों के जरिये आया है इस सुनहरे तोहफे को लेकर कई सालों से कई रिसर्च की जा रही हैं इन्हीं में से एक और दावा ये भी है | कि स्पेस में एक ऐसा उल्कापिंड भी है जो कीमती धातुओं से भरा हुआ है | 

अंतरिक्ष से कैसे आएगा सोना | 

अब आप जरा सोचें कि अगर सच में ऐसा है तो फिर क्यों न हर देश अंतरिक्ष में जाना चाहेगा अब बात कुछ ऐसी है | कि कुछ वैज्ञानिकों ने एक ऐसे उल्कापिंड का पता लगाया जो कीमती धातुओं से भरा है फोर्ब्स मैगजीन के मुताबिक इसकी कीमत 10 हजार ट्रिलियन डॉलर है | अगर पूरी दुनिया की इकनॉमी मिला ली जाए तो भी वह उससे 10 गुना ज्यादा होगी महंगी धातुओं से भरे इस एसड्रोइड को वैज्ञानिकों ने सिक्सटीन शैकी नाम दिया है ये एसड्रोइड करीब 226 किलोमीटर चौड़ा जो सूर्य के चक्कर लगा रहा है बोनट के आकार का ये उल्का पिंड मंगल और बृहस्पति के बीच सौरमंडल में मौजूद है | तो आप समझ ही गए होंगे कि आखिर क्यों वैज्ञानिकों ने इस उल्कापिंड को लेकर इतनी दिलचस्पी दिखाई है वहीं अब आपको हम जो बताने जा रहे हैं | उसे जरा गौर से सुनियेगा क्योकि ये जानने के बाद आप जरूर शॉकिंग होंगा अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा इस एसड्रोइड पर अपने स्पेसक्राफ्ट को भेजने की तैयारी में है जो अगस्त 2022 में भेजा जाएगा | इस स्पेसक्राफ्ट का नाम भी शैयकी रखा गया है यह एसड्रोइड पर जाकर लोहा प्लैटिनम और सोने की खोज करेंगा | आप ये भी जान लें ये स्पेसक्राफ्ट जनवरी 2026 में एसड्रोइड के चक्कर लगाना शुरू करेगा | और वहां पहुंचने के बाद ये मैग्नेटिक फील्ड को नापेगा और तस्वीरें लेगा |

अंतरिक्ष के किसी भी उल्कापिंड में हमें सोने का भंडार मिल जाये | 

अब आप सोने को लेकर इतनी बातें जान ही ली है अब ये भी जान लीजिए कि अगर अंतरिक्ष के किसी भी उल्कापिंड में हमें सोने का भंडार मिल जाता है तो वहां सोने की माइनिंग करने वालों की भी होड़ मच जाएगा क्योंकि अगर हम किसी भी मैटर के लिए धरती पर माइनिंग करते रहे तो इसके लिए सायनाइड और क्लोरीन का  इस्तमाल किया जाता है | इसका सीधा असर ग्लोबल वॉर्मिंग होता है | लेकिन अगर हम दूसरे ग्रहों पर जाकर ये काम  करते हैं | तो ये हमारी धरती के लिए जरूर सेफ है इसलिए आप यह भी जान लें कि नासा इसी वजह से फ्यूचर में एसड्रोइड रिडरेक्टेड मिशन लेकर आ रहा है नासा के बाद कौन सा देश होगा जो 16 शैयकी पर जाने की तैयारी करेगा ये भी आज या कल पता चल ही  जाएंगा | 

लेकिन अगर आप ये सोच रहे हैं कि 16 शैयकी से सोना धरती पर आने लगा तब तो फिर दुनिया अमीर हो जायेगा या इसे लॉजिकल तरीके से सोचा जाए तो जरा आप भी गौर फरमाइए दुनिया भर की इकनॉमी की क्या स्थिति रह जाएगी अगर सोना यहां लाया तो पूरी दुनिया की अर्थव्यस्था तबाह हो जाएगी वैज्ञानिकों ने ही ये माना है कि एसड्रोइड मटीरियल के बाजार में आने से कीमती धातुओं की कीमत गिर जाएगी मेटल्स की माइनिंग और बिक्री करने वाली सभी कंपनियों की बैलू गिरने लगेगी |और बाजार पूरी तरह से तबाह हो जाएगा | हालांकि नासा का फिलहाल ऐसा कोई भी इरादा नहीं है लेकिन अब जिस तरह से हर देश अंतरिक्ष में जाकर इस एसड्रोइड की खोज खबर लेना चाह रहा है | ऐसे में अगर किसी देश ने भी वहां से सोना लाने की बात कही तो अंजाम क्या होगा शायद अब आप समझ ही चुके होंगे | भारी कीमत के सोने को लेकर देशों में युद्ध की नौबत आ सकती है यही वजह है कि फिलहाल सोने की कीमत का पता लगाने की केवल कवायद शुरू हो सकी है वैसे इसके बावजूद भी स्पेस में खुदाई करने वाली कई कंपनियां इस पर कब्जे की होड़ में लग गई हैं |

जाने पूरी दुनिया में कितना टन सोना है |

बता दें कि साल 2015 से एसड्रोइड को खरीदा बेचा जाना संभव होगा है इसके बाद से 16 शैयकी की चर्चा शुरू हो चुकी है | तो दोस्तों हमारी लाइफ में गोल्ड की क्या बैलू है ये तो सभी जानते हैं ये भारत समेत दुनिया के सभी देशों के लिए प्रसिद्ध है दूसरे मेटल की तरह ही सोना भी धरती पर काफी दुर्लभ है | आपको जानकर हैरानी होगी कि सोना एक दुर्लभ धातु होने की वजह से कई बार धरती वासियों ने इसे बनाने की कोशिश की लेकिन कई कोशिशों के बाद भी असफल रहे | आज एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे मानव इतिहास में खनन किए गए सोने को अगर इकठ्ठा किया जय तो, इसका एक सिरा 70 फीट का होगा ये करीब एक दशमलव आठ तीन लाख टन होगा जो सुनने में भले ज्यादा लगे लेकिन धरती के हिसाब से बहुत ज्यादा नहीं है | डेंसिटी की वजह से करीब 1.6 ट्रीलियन टन सोना धरती की कोख में जमा है | रिपोर्ट में ऑस्ट्रेलियन जियोलॉजिस्ट के हवाले से बताया कि दुनिया का 99 प्रतिशत सोना हम से कई मील नीचे दबा है | अगर इसे पूरी धरती पर फैलाया जाय तो ये सिर्फ 16 इंच ऊचाई की परत बना पायागा दोस्तों उम्मीद है पृथ्वी पर सोना कहां से आया इसके लॉजिक को आप समझ गए होंगे हो सके शेयर करें फेसबुक पर वॉट्सऐप पर | 

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