2035 तक TAJ MAHAL क्यों तोड़ दिया जायेगा | Demolition of Tajmahal by 2035 Realy Happen.

सन 2035 तक ताजमहल को क्या वाकई में तोड़ दिया जाएगा ये आप ने बिलकुल सही सुना ताज महल को 2035 तक पूरी तरीके से गिरा दिया जाएगा अगर  गिराया गया तो येसे कई कारण हैं | जिसकी वजह से शायद ताज महल भारत की धरती से हमेशा के लिए ओझल हो जाएगा दरअसल ताज महल की इस तस्वीर को देखिये ये तस्बीर आज से कुछ साल पहले खींची गई थी | इसमें ताज महल सफेद संगमरमर में चमकता हुआ दिखाई दे रहा है। और ये दूसरी तस्वीर हल ही की है | जिसमें ताज महल पूरी तरीके से पीला पड़ चुका है ताज महल की इस हालत को देखकर आप खुद ही समझ सकते हैं | कि आज इसकी क्या हालत है आपको बता दे की इन 30 सालों में ताज महल की ये हालत हुई है वह तीन सौ 68 साल में कभी नहीं हुई ताज महल के हालात को लेकर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल गवर्मेंट और यूपी गर्वमेंट से कहा था | कि वो या तो ताज महल को हमेशा के लिए गिरा दो या उसके ठीक तरीके से मरम्मत कर दो यह सुप्रीम कोर्ट के शब्द थे | लगातार ताज महल की हालत खराब होती जा रही है लेकिन इसके अलावा और भी ऐसी कई वजहें हैं | जिसकी वजह से शायद ये माना जा रहा है कि ताज महल 2035 तक नहीं रहेगा। मुख्य तौर पर ऐसी 3 वजह है |  जिस वजह से हो सकता है कि ताज महल सन 2035 तक भारत की धरती पर न  रहे |

Demolition of Tajmahal by 2035 Realy Happen.

पहली वजह जियोग्राफिकल लोकेशन | 

पहली वजह है इसका जियोग्राफिकल लोकेशन दूसरा पल्यूशन और तीसरा रिलेशन शुरुआत करें अगर रिलीजन से तो आपको बता दे साल 2014 में इस्लामिक इमारतों के खिलाफ बहुत सारे कोर्ट केस दर्ज किए जा चुके हैं मथुरा का शाही ईदगाह मस्जिद वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद ऐसी कुछ इमारतें है | कुछ लोगों का ऐसा मानना  है की आज के समय में ताजमहल जहां पर मौजूद हैं. ताज महल के बनने से पहले वहां पर शिव मंदिर हुआ करता था ताजमहल को शिव मंदिर को तोड़कर बनाया गया बल्कि 2015 में आगरा के कुछ वकीलों और सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन भी दायर की थी | उन्होंने अपने पिटीशन में कहा था कि ताज महल एक हिंदू मंदिर है आपने भी इस तरह की खबरें सुनी होंगी लेकिन क्या कभी आपने सोचा क्या अचानक ताज महल को लेकर यह नया तथ्य सामने कहां से आया |

आपको बता दें कि सारा का सारा माजरा एक किताब से निकला जिसके लेखक हैं | पी एन ओक इस किताब में लिखा गया है कि जहां पर ताज महल बना है | ताज महल के बनने से पहले वहां पर तेजो महालय नाम का एक शिव मंदिर हुआ करता था बाद में इसे तोड़ कर ताज महल बनाया गया | बस इसी बात को लेकर लगातार यही अपील की जा रही है | कि ताज महल को तोड़ा जाए लेकिन इसकी असलियत भी जान लीजिए इतिहास करो को मिले ढेर सारे सबूतों में से ऐसा कोई भी सबूत नहीं मिला है | जो यह साबित करता हो कि यहां पर पहले कभी शिव मंदिर हुआ करता था असल में ताज महल की कहानी कुछ ऐसी है | कि चार सौ साल पहले जहां पर ताज महल खड़ा हुआ है | वह जमींन राजपूत राजा जयसिंह की हुआ करती थी बकायदा शाहजहां की सरकार ने इस जमीन को खरीदने के लिए कीमत चुकाई जमीन के बदले उन्होंने राजा सेन को आगरा में चार हवेलियां दी | वहीं उनके बीच में हुई इस खरीद फरोख्त के सारे दस्तावेज खोजकर्ताओं को मिल चुके हैं | जिससे साबित होता है. कि शाहजहां ने इसे पूरी कीमत देकर जमीन को खरीदा था राजा जयसेन ने कभी इस जगह पर कोई शिव मंदिर नहीं बनाया इस किताब को लेकर कई लोग भारत के इन अजूबों को गिराने में लगे हैं | 

दूसरी वजह बढ़ता हुआ प्रदूषण |

लेकिन दोस्तों सिर्फ यही एक वजह नहीं जिसकी वजह से ताजमहल पूरी तरह से तबाह हो सकता है | बल्कि इसका दूसरा कारण है बढ़ता हुआ प्रदूषण, पीला ताजमहल तो शायद आपको भी पसंद नहीं आया लेकिन जिस तरह से इसका रंग दिन ब दिन पीला होता जा रहा है | ये बहुत ज्यादा चिंता का विषय है 2020 में सेंट्रल बोर्ड ऑफ पल्यूशन कंट्रोल की एक रिपोर्ट सामने आई थी | जिन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पिछले आठ सालों में ताज महल की हालत पहले से कहीं ज्यादा खराब हो चुकी है कारण सिर्फ एक आगरा में बढ़ता हुआ पल्यूशन लेकिन ये पॉल्यूशन ताज महल की दीवारों पर असर कैसे डालता है | यह भी समझ लीजिए ताज महल संगमरमर से बना हुआ है | यानि कि कार्बन एक ऐसी कंपाउंड है. जो हवा में फैले पॉल्यूशन को अपनी तरफ अट्रैक्ट करता है यानि कि  हवा में फैली हुई गंदगी को संगमरमर खींचता है | 

इसी वजह से ताजमहल का रंग दिन ब दिन पीला पड़ता जा रहा है | इसके अलावा लगातार पिछले कुछ सालों से आगरा में जबरदस्त इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट देखने को मिला है इंडस्ट्री से निकलने वाला धुआं उसकी गंदगी आगरा की आबो हवा को दिन ब दिन जहरीला बनाती जा रही है लेकिन बात यहां पसंद नहीं होती है शहर की पूरी गंदगी यमुना नदी तक पहुंचती है | और जैसा कि आप जानते हैं कि ताज महल यमुना नदी के किनारे में बसा हुआ है वहा से उठने वाला प्रदूषण सीधा ताजमहल पर असर डालता है सड़कों पर गाड़ियों की भीड़ पहले से कहीं ज्यादा बढ़ चुकी है | गाड़ियों से निकलने वाले जहरीले धुएं ने सांस लेना भी मुश्किल कर दिया है | 

लेकिन इन सबके अलावा एक ऐसी वजह भी है | जो कि ताजमहल को तबाह करने में लगी हुई है हैरानी की बात ये है कि इसकी जियोग्राफिकल लोकेशन इसकी बनावट खुद इसकी दुश्मन बन चुकी है रिसर्च में पाया गया है कि ताज महल दिन ब दिन जमीन में धसता जा रहा है लेकिन सोचने वाली बात यह है, कि जो इमारत कई सालों से बिल्कुल मजबूत खड़ी हुई थी अचानक वो क्यों धस रही है | आप को बता बता दें ताज महल को बनाते वक्त इसकी नींव में महोगनी की लकड़ी का इस्तेमाल हुआ था महोगनी एक ऐसी लकड़ी होती है | इसे जितना ज्यादा पानी मिलता है उतनी ही ज्यादा मजबूत होती है बस इसी वजह से ताज महल की नीव को महोगनी की लकड़ी से बनाया गया था | ताकि यमुना की नदी से मिलने वाला पानी इसे हमेशा मजबूत रखें | 

लेकिन पिछले कुछ सालों से यमुना नदी के पानी का लेवल दिन ब दिन गिरता जा रहा है जो ताज महल के लिए सबसे बड़ी प्रॉब्लम है अब इसकी नींव को उतना पानी नहीं मिल रहा जितना पहले मिला करता था | इसी वजह से इसकी नीव दिन ब दिन कमजोर होती जा रही है | और यह जमीन में धंसता जा रहा है वही वो शहर जहां ताज महल है | यानी की आगरा वो हर साल एक भयानक तूफान का सामना करता है मई 2020 में आगरा में एक जबरदस्त तूफान आया था | जिसकी वजह से ताज महल की छत की रेलिंग पूरी तरीके से तबाह हो गई थी जब तूफान आया इसकी रेलिंग इसके फ्लोर पर भी जाकर गिरी जिसकी वजह से इसके फ्लोर को भी अच्छा खासा नुकसान झेलना पड़ा |

लेकिन अगर आप इन सारे कारणों को देखें तो इन वजहों से क्या वाकई में ताज महल को गिराया जाना चाहिए आपको बता दें कि यह एक तरह का कॉन्सेप्ट है | एक ऐसा कॉन्सेप्ट जो आज से कई साल पहले अंग्रेजों ने भी आजमाने की कोशिश की थी। यह बात उस वक्त की है | जब ईस्ट इंडिया कंपनी जंग लड़ते लड़ते पूरी तरह से कंगाल हो गए थे | उनके पास कुछ भी नहीं बचा था। उस वक्त भारत के जनरल लॉर्ड विलियम बैकलिट ने पैसों की कमी को दूर करने के लिए बिल्कुल अजीब तरकीब लगाई थी जनरल लॉर्ड विलियम ने ताज महल को भददा कह दिया जी हाँ भद्दा असल में उनकी प्लानिंग ये थी | कि ताज महल के बेश कीमती संगमरमर को बेचकर अच्छा खासा पैसा कमाया जा सकता है लेकिन इस प्लान का विरोध इन्ही करने लगे | जिस वजह से किसी तरीके से ताज महल तो बच गया | लेकिन किसी न किसी इमारत को तो बलि देनी ही थी ताकि अंग्रेजों की पैसे की भूख शांत हो सके बस इसी वजह से लाल किले के बहुत सारे पिलर्स को बेचा गया। तब जाकर अंग्रेज जंग लड़ पाए | 

लेकिन दोस्तों जरा सोचिए ये पॉल्यूशन या इसके जियोग्राफिकल लोकेशन का बहाना बनाकर क्या ताजमहल को गिराया जाए | या इस प्रॉब्लम को किस तरह से सॉल्व किया जा सकता है बल्कि अब अमल शुरू हो चुका है पल्यूशन लेवल को कम करने के लिए स्टेट और सेंट्रल गवर्मेंट ने सख्त कानून बनाया है | कि ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में किसी भी तरह का कोई कंस्ट्रक्शन नहीं होगा इसके अलावा गवर्मेंट ने लोगों से अपील की है कि वो ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें ताकि पल्यूशन कम हो सके | गाड़ियों को सीएनजी में कनवर्ट करने का सख्त कानून बना लिया गया है | इस वजह से आपको आगरा की हर गाड़ी सीएनजी में ही दिखाई देगी देगी | लेकिन यमुना नदी के पानी का क्या जिसका लेवल धीरे धीरे गिरता जा रहा है | इसको लेकर सरकार एक नया प्लान लेकर आई है | 

जितनी भी आस पास छोटे मोटे बांध है. उन्हें री लोकेट करके यमुना नदी तक पहुंचाया जाएगा इस वजह से यमुना नदी के पानी का लेवल बरकरार रहे | वहीं शहर में गंदा पानी यमुना नदी में ना बहाकर उसे री लोकेट किया जाएगा ताकि यमुना नदी बिल्कुल साफ रहे इसके साथ साथ ताज महल की vicinity में उसके काफी लंबे चौड़े रेडियस में उसके इलाके में उसके क्षेत्र में बायो वेस्ट या किसी भी तरह के कचरे को जलाने पर सख्त कार्रवाई की जा रही है तो कुछ न कुछ कोशिश तो की जा रही है सरकार द्वारा वहां के जो इतनी पुरानी इमारत है | उसे नुकसान कम से कम पहुंचे और ये बेशकीमती नायाब इमारत जिंदा ही बची रहे | सैकड़ों सालों तक सैकड़ों सदियों तक ताकि भारत की धरोहर को देखकर भारत वासी खुश हो सके | लेकिन ज्योग्राफिकल लोकेशन सबसे बड़ी परेशानी बनी हुई है अगर यमुना नदी के पानी के लेवल को बरकरार रखा जा सका तो ताजमहल की नींव पहले की तरह कहीं ज्यादा मजबूत बन जायेगी जैसा कि मैंने पहले बताया था | कि ताजमहल की नींव महोगनी की लकड़ी से बनी है जिसे पानी की सख्त जरूरत होती है अगर नदी के पानी का लेवल बरकार रखा जा सका तो इसका धसना बंद हो जाएगा और यह पहले की तरह मजबूत हो जायेगी |

तीसरी वजह प्राकृतिक तूफान |

अगर बात करे तूफान की ये पूरी तरीके से प्राकृतिक आपदा है उसपर इंसान का बस नहीं है | हर साल आने वाले तूफान की वजह से ताजमहल को जबर्दस्त क्षति पहुंचती है | और इसी वक्त जो तूफानों का समय होता है उस वक्त तक ASI जी कि ताजमहल की रख रखाव का पूरा ध्यान रखती है | वह हर साल ताजमहल की मरम्मत करवाती है | और इसके अलावा ये हर साल वहां मेंटिनेंस का कार्य करवाते हैं तो दोस्तों अगर ताजमहल को गिराने के बजाय प्रॉब्लम पर ध्यान दिया जाए सल्यूशन पर ध्यान दिया जाय तो यकीन मानिये भारत की धरोहर हमेशा कुछ इसी तरह बरकरार रहेगी | पल्यूशन और जियोग्राफिक लोकेशन पूरी तरह से सुधार किया जा सकता है लेकिन बात करे रिलीजन की तो अगर आप रिलीजन से हटकर सोचेंगे तब आप देख पाएंगे कि भारत की ये वो धरोहर है | जो दुनिया के सात अजूबों में से एक है सबसे बड़ी बात यह है की यह धरोहर भारत का हिस्सा है भारत और भारत के लोगों के लिए इससे बड़ी गर्व की बात और नहीं हो सकती है क्या कहना है आपका कमेंट सेक्शन में और शेयर कीजिए |

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