आखिर लाल चंदन इतना महंगा क्यों बिकता है क्या होता है इसमें |

तेलगू सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की फिल्में पुष्पा बॉक्स ऑफिस पर छप्पर फाड़ कमाई कर रही हैं | महामारी के इस काल में भी थियेटर्स में धूम मचाने के बाद अब इस फिल्म को ओटीटी प्लैटफॉर्म पर भी लोगों का जबर्दस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है | फिल्म में हीरो भले पुष्पा का किरदार निभाने वाले अल्लू अर्जुन हैं लेकिन इस फिल्म की पूरी कहानी लाल चंदन के इर्द गिर्द ही घूमती नजर आती है | पुष्पा की रीयल लाइफ कहानी दरअसल सिर्फ एक कहानी नहीं बल्कि रियल लाइफ स्टोरी भी है लाल चंदन की दुनिया लाल सोने के नाम से भी जानी जाती है इस लाल चंदन को रक्त चंदन भी कहा जाता है जिसके लिए दशकों से रक्त बहता रहा है |

आखिर लाल चंदन इतना महंगा क्यों बिकता है क्या होता है इसमें
आखिर लाल चंदन इतना महंगा क्यों बिकता है क्या होता है इसमें | 

न सिर्फ बेशकीमती लकड़ी के लिए तस्कर हर किस्म का जोखिम उठाते हैं वहीं दूसरी तरफ लाल चंदन के पेड़ को बचाने के लिए अभियान की स्पेशल टास्क फोर्स की तैनाती रहती है | ऐसे में जो सबसे बड़ा सवाल उठता है कि आखिर इस लकड़ी में ऐसी क्या चाहत है जिसमें दर्शकों से खून की होली खेली जा रही है आखिर लाल चंदन इतना महंगा क्यों है | इन सवालों का जवाब जानने के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़िए दोस्त | बाजार का एक बहुत ही सिंपल फॉर्मुला है वो ये कि दुनिया में जो चीज जितनी मुश्किल से मिलती है उसकी कीमत भी उतनी अधिक हो जाती है | 

लाल चंदन इतना महंगा क्यों है |

यही हाल लाल चंदन के साथ भी है | और इस कीमती लकड़ी को कुदरत ने भारत की झोली में डाला है | आपको जानकर हैरानी होगी कि सारी दुनिया में ये पेड़ केवल तमिलनाडु की सीमा से लगे आंध्र प्रदेश के चार जिलों में पाए जाते हैं नेल्लोर कुरनूल चित्तूर और कडप्पा और इन जिलों में फैली की पहाड़ियों में पाए जाते है इस वजह से इसकी कीमत काफी बढ़ जाती है | लाल चंदन बहुत अधिक गुणकारी होता है लाल चंदन का इस्तमाल सुंदरता को निखारने में होता है यह स्किन पिग्मेंटेशन और मुंहासे जैसी त्वचा से जुड़ी परेशानियों का इलाज करता है ऐसे में होने वाली सूजन जलन और खुजली से राहत पाने के लिए लाल चंदन पाउडर को कपूर के साथ मिलाकर पेस्ट बनाकर इस्तमाल करने से इसके चमत्कारिक परिणाम देखने को मिल सकते हैं | 

लाल चंदन का क्या इस्तमाल होता है |

लाल चंदन से महंगे महंगे फर्नीचर और सजावट के सामान भी बनाया जाता है | कई म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बनाने के लिए भी लाल चंदन का इस्तमाल किया जाता है इसके अलावा लाल चंदन का नाम रेड कलर कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स और महंगी शराब बनाने में इस्तेमाल होता है | 200 सेट के टन लाल चंदन की कीमत 2 करोड़ से 5 करोड़ तक पहुंचा जाती है | एक टन यानि कि एक हजार किलो इस हिसाब से देखे तो सिर्फ एक किलो लाल चंदन की कीमत 20 हजार से 50 हजार रुपए तक हो सकती है | यही वजह है कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा स्मगलिंग की जाने वाली लकड़ी लाल चंदन है | अनिल अग्रवाल के हिसाब से सिर्फ एक साल में 20 हजार करोड़ से भी ज्यादा की चंदन लकड़ी स्मगलिंग करके दुनिया के अलग अलग देशों तक पहुंचा दी जाती है | मार्केट में इसकी मुंह मांगी कीमत की वजह भी यही है इसकी डिमांड पूरी दुनिया में है लेकिन लाल चंदन की सबसे ज्यादा तस्करी चीन में होती है वैसे इस बेशकीमती लकड़ी की डिमांड चीन के साथ ही जापान और मंगोलिया में बहुत ज्यादा होती है | 

लाल चंदन क्या है |

इस लकड़ी को एक्सपोर्ट करने वाला दुनिया में सिर्फ एक देश है और वह है भारत और हमने आपको पहले ही बता रखा है कि लाल चंदन के पेड़ों की सुरक्षा स्पेशल टॉस्क फोर्स के जिम्मे है इसलिए आसानी से इसे पाना इतना आसान नहीं होता आन्ध्र प्रदेश के जंगली इलाके में पाए जाने वाले लाल चंदन के इस अनोखे पेड़ की औसत ऊंचाई 8 से 11 मीटर होती है लाल चंदन के पौधे की पूरी तरह एक पेड़ बनने में 15 साल का वक्त लग जाता है | बहुत धीरे धीरे बढ़ने की वजह से इसकी लकड़ी की डेंसिटी बहुत ज्यादा हो जाती है इसलिए लाल चंदन की लकड़ी दूसरी लकड़ियों से उलट पानी में तेजी से डूब जाती है | 

वहीं इसका घनत्व पानी से ज्यादा होता है जानकार बताते हैं कि पानी में डूब जाना ही असली लाल चंदन की पहचान भी होती है | वैसे तो हमारे देश में चंदन की लकड़ी का बहुत सारा महत्व है हमारे पूजा पाठ में चंदन का समान होता है लेकिन आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि चाइना में इस लकड़ी से कई सारी दवाएं बनाई जाती है | हमने आपको पहले ही बताया था कि लाल चंदन में कई सारे औषधीय गुण होते हैं और चीन और जापान जैसे देशों में तो सदियों से आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल होता रहा है खासकर चीनियों के लिए लाल चंदन का इस्तेमाल बड़ी बात नहीं है | वहां सदियों से दवा बनाने में लाल चंदन का बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता रहा | चीन सिरदर्द की दवा, बुखार की दवा, आंखों की दवा, के साथ साथ कई दूसरी बीमारियों की दवा बनाने के लिए लाल चंदन का इस्तमाल करता है | 

लाल चंदन की मांग इतना ज्यादा क्यों है |

यही वजह है कि मौजूदा वक्त में भी लाल चंदन की सबसे ज्यादा डिमांड चीन सहित कई देशो में है हालांकि इसके पीछे क्या वजह है इसकी वजह सात सौ साल पहले चीन से जुड़ी हुई हैं जब चीन में लाल चंदन की लोकप्रियता 14वीं से 17वीं शताब्दी के मध्य तक राज करने वाले मिंग के समय से बनी हुई है | अंग्रेजी अखबार चाइना डेली में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक मिंग वंश के शासकों को लाल चंदन से बने फर्नीचर और सजावटी सामान इतने पसंद थे कि वो सभी संभावित जगहों से मंगाया करते थे | मिंग वंश और उसके बाद के शासकों के बीच लाल चंदन की लकड़ी के प्रति दीवानगी का पता इस बात से भी चलता है कि वहां हर रेड सैंडल वुड म्यूजियम नाम का एक विशेष संग्रहालय भी है | 

लाल चंदन से बने अनगिनत फर्नीचर और सजावटी सामान संजोकर रखे गए हैं आज भी चीन में लोग इस लकड़ी से फर्नीचर बनवाकर उसे अपने घरों में रखना पसंद करते हैं | इसके अलावा लाल चंदन की लकड़ी से बनी कलाकृतियां और दूसरे सजावट के सामान अपने घरों में रखना भी चीन के लोगों को काफी पसंद आता है पहले जापान में भी इस बेशकीमती लकड़ी की काफी मांग थी | शादी के लिए वक्त बजाए जाने वाले पारंपरिक म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट को बनाने के लिए लाल चंदन की लकड़ी का इस्तमाल होता था | फिल्म पुष्पा के पहले सीन में इसी परंपरा को दिखाया गया है | लेकिन अब ये परंपरा धीरे धीरे खत्म हो रही है लेकिन चीन और जापान में इसकी डिमांड में कोई कमी नहीं आई है | 

यही वजह है कि लाल चंदन की तस्करी के लिए तस्कर कोई भी जोखिम उठाने को तैयार रहते हैं फिर सड़क नहीं बल्कि पानी और हवा के रास्ते भी लाल चंदन की तस्करी कर चीन समेत कई देशों तक स्मगलिग किया जाता है क्योंकि तस्कर बोली से करोड़ों की कमाई करते है साल 2015 में आन्ध्रप्रदेश के शिराज जलंग के जंगलों में लाल चंदन के तस्करों का स्पेशल टास्क फोर्स के जवानों से आमना सामना भी हुआ घंटों तक चली मुठभेड़ में 20 चंदन तस्कर पुलिस की गोलियों से ढेर हो गए मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने कई तस्करों को गिरफ्तार भी किया | देश में ऐसा पहला मौका था जब इतनी बड़ी संख्या में चंदन तस्कर मारे गए | 

इसके पीछे भी खास वजह है यही है कि ये बहुत दुर्लभ होने के कारण भारत इस राज्य को लेकर कुछ अंतरराष्ट्रीय नियमों को मानने पर बाध्य है अंतरराष्ट्रीय समझौते की वजह से भी भारत पर रक्त चंदन के पेड़ों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है | इसलिए इन पेड़ों की सुरक्षा के लिए चौबीस घंटे स्पेशल टास्क फोर्स के जवानों की तैनाती रहती है | तो आप समझ ही गए होंगे की लाल चंदन इतना महंगा क्यों है | आपको हमारा पोस्ट कैसा लगा कमेंट अवश्य करें और फेसबुक पर वाट्सअप पर शेयर करे | 

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